<br />#AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत #Philosophy #BhagavadGeeta<br /><br />वीडियो जानकारी: 10.08.23, वेदान्त संहिता, गोवा <br /><br />मौज का सूत्र: ‘मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता’ || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2023)<br /><br />📋 Video Chapters:<br />0:00 - Intro<br />0:46 - अष्टावक्र गीता का परिचय<br />2:40 - जगत और आत्मा का संबंध <br />9:53 - दया और करुणा का अर्थ<br />15:47 - अहंकार और आत्मा की यात्रा<br />20:56 - असहिष्णुता का अनुभव<br />35:48 - दुख और सुख का संबंध<br />40:29 - जीवन का आनंद<br />46:44 - स्वतंत्रता और बंधन<br />49:03 - निर्णय और स्वार्थ<br />58:38 - चुनाव और मौज का खेल<br /><br />विवरण: <br />इस वीडियो में, आचार्य जी ने अष्टावक्र गीता के गूढ़ तत्त्वों को सरलता से समझाया है। उन्होंने आत्मा और world के बीच के संबंध को एक infinite ocean और एक boat के रूप में चित्रित किया है । आचार्य जी बताते हैं कि आत्मा, जो eternal है, जगत के परिवर्तनशीलता से unaffected रहती है। वे यह भी स्पष्ट करते हैं कि ego और world का आपस में गहरा संबंध है, और जब अहंकार की दिशा बदलती है, तो संसार की स्थिति भी बदल जाती है।<br /><br />आचार्य जी ने tolerance के अर्थ को भी विस्तृत किया, यह बताते हुए कि सच्ची सहिष्णुता वह है जिसमें व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे यह भी बताते हैं कि जब हम अपने भीतर की peace को समझ लेते हैं, तो हम बाहरी परिस्थिति के प्रति अधिक मुक्त और आनंदित हो जाते हैं।<br /><br />इस वीडियो में जीवन के उच्चतम गुणों की खोज और आत्मा के स्वभाव को समझने की दिशा में गहन विचार विमर्श किया गया है। अंत में, आचार्य जी ने यह संदेश दिया कि liberated पुरुष का जीवन एक drama की तरह होता है, जिसमें वह अपनी इच्छाओं और व्यक्तित्वों को त्यागने में स्वतंत्र होता है।<br /><br />🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:<br />https://open.spotify.com/show/3f0KFwe...